Ghazals on Diwali
इस दीवाली इतना कीजिए बस
अपनो के भूखे हैं प्यार कीजिए बस
बहुत हो गया ये परदेश की दौड़
गॉंव बुलाते हैं अब आ जाइए बस
बुढ़ी ऑंखें तुम्हें बुलाती है बहुत
तेरी कमी है ऑंगन को आ जाइए बस
घर की तुलसी चौरा सुना-सुना है
तू घर का दीपक है आ जाइए बस
Ghazals on Diwali
इस दीवाली बस इतना कीजिए
पटाखे पर उपदेश न दीजिए
कहना है तो सबको कहों
केवल हिन्दुओं को उपदेश न दीजिए
कमियां तो सबमें हैं
अपनी देखो गैरों की ओर इशारा न कीजिए
जो बम ब्लास्ट में शामिल है
पटाखे पर उपदेश न दीजिए!!!
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