Ghazal-Hindi on human
बातें बहुत बनाते हो
सच को झूठ बताते हो
सबसे मीठी-मीठी बातों से
असलियत छुपाते हो
खुद की छाया का भरोसा नहीं
हर शख्स से डर जाते हो
दिल की बातें ऑंखें कहती है
नजरें छुपा के शर्माते हो
नफ़रत सीखी है जिसने सदा
फिर क्यों प्यार से जलाते हो !!
Ghazal-Hindi on human
बातें बहुत बनाते हो
बहाने बहुत बनाते हो
फोन से झूठ बोलने पर
ज़रा सा भी नहीं लजाते हो
आना है तो साथ चलो
वादा करके छोड़ जाते हो
मैंने चाहा नहीं किसी को
प्यार की उम्मीद क्यों जताते हो !!!
इन्हें भी पढ़ें 👉 हैसियत पर शायरी
0 टिप्पणियाँ