Ghazal Motivational
नवीनता का सृजन करें
नवजीवन का वंदन करें
पीले पड़ गए पत्ते वो झड़ेंगे
नव कपोल का अभिनंदन करें
मिट गई धुंधली सी रात अभी
नवकिरण का चंदन करें
पथ सुना , कठोर हो मगर
आओ कदमों से निशान करें
सफलता तुझे मिलेगी
डर,भय की पहचान करें
अभी भी वक्त है संभल जाओ
तथाकथित बुद्धिजीवियों को अनजान करें !!!
Ghazal Motivational
मिट्टी में दबे बीज
नमी पाकर फूल गया
अंकुरित हुआ और फुट गया
स्वागत में खड़े हैं दिन और रात
भय सारा छूट गया
जीवन का आनंद वहीं लेता है
प्रेम जिसने लूट गया !!!
मिट्टी में दबे बीज
प्रेम के बरसा से
अंकुरित हुआ !!!
पुराने पत्तों ने छोड़ दिया डाल
नए पत्ते उगने के भरोसे
बसंत की मादकता में
नए पत्ते पल्लवित करने
कोमल, अति कोमल
जो तैयार होंगे
जेठ के गर्मी सहने के लिए !!!!
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