प्यार के लिए न कोई गवाह चाहिए shayari on love

shayari on love

 प्यार के लिए न कोई गवाह चाहिए 

इश्क़ कोई शौक नहीं है जहाँ वाह चाहिए 

आँखों से उतर कर दिल में रहे प्यार अपना

बस सीने में दर्द ,तड़प, और आह चाहिए

जो करते हैं परवाह जमाने भर की

उसका कैसा प्यार है जिसे गवाह चाहिए

सागर के गहराई क्या कर लेगा उसका

बेपरवाह आदमी को थोड़ा सा गुनाह चाहिए !!!!

shayari on love

माना बंदियों से घिरे हो 

फिर तुम्हें आना चाहिए 

जैसे बादल उमड़कर आए 

और बरसा गए 

अपना प्रेम !!!!!


जाने वाले तो चलें गए 

प्यार करने वाले रह गए 

जैसे बच्चे को मारा मां ने 

फिर भी आंचल पकड़कर रह गए !!!!!

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