Poetry pyar ki Sikh hindi
दुनिया को दिखा दो
आसमां को झुका दो
गलतफहमी में है दुश्मन
उसकी औकात सीखा दो
खुद को बड़ा मान बैठा है
हैसियत सीखा दो !!
Poetry pyar ki Sikh hindi
प्रेम से भी चला जा सकता है
जमाना
लेकिन तुने नफ़रत याद रखी
हम सुधर जाते यदि
यदि तुने मोहब्बत रखी
तुम जो बदल न पाए
मेरे मुश्किल हो गई
मैं चाहता था बदल जाऊं
रिश्तों में सम्हल जाऊं
लेकिन एकतरफा बदलाव
मुश्किल है
मेरे अस्तित्व के लिए !!!
दुनिया को सीखा दो
जो जैसा व्यवहार करेगा
वैसा पाएगा
खुद दें नहीं सकते तो
किसी से ले नहीं सकते !!!
अभी - अभी
सूखा था
अभी-अभी
पानी बरसा था
ये बदलाव
यकायक नहीं है
गुस्से में होगी
प्रकृति !!!
दुनिया को सीखा दो
मोहब्बत क्या चीज़ है बता दो
एकतरफे की उम्मीद न करें
दोतरफा व्यवहार बता दो !!!
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