भूला दिए जाते हैं Shayari log bhul gaye hai

Shayari log bhul gaye hai 

 भूला दिए जाते हैं 

सूरज के निकलते ही दीया बुझा दिए जाते हैं

लोग मतलब निकालने के बाद भूला दिए जाते हैं

आधुनिकता के नाम पर बहुत कुछ सीखें हैं

तर्क के चक्कर में जज्बातों को भूला दिए जाते हैं

 शिकायत है जमाने की रूढ़ियों और परंपराओं से

नए अपनाने के चक्कर में पूराने भूला दिए जाते हैं

कब बदला ज़माना किसी को खबर नहीं है

अपने हितों के कारण सबकुछ भूला दिए जाते हैं

न खुशी है न चैन है अब किसी को इस जमाने में

दूसरों को समझाने के बहाने खुद को भूला दिए जाते हैं

Shayari log bhul gaye hai

तर्कशील होना

लोगों का 

निश्चित है

हिन्दुओं पर विचार रख पाते होंगे

नित-नए

तर्क कर सकते होंगे

किसी मान्यता पर

रीति रिवाजों पर

क्योंकि वो जानते हैं

मानते हैं

हिन्दू

अपनी आस्था से निकलकर

सोच विचार कर सकते हैं

प्रगतिशील धर्म की तरह

और हिन्दुओं का धर्म 

निरंतर आलोचनाओं से

खुद को बचाकर

जीवित है

जैसे इंसान जीवित है 

वैसे मेरा धर्म !!!!


सियासी पंथों ने 

कई तर्कशील

पैदा किए

सिवाय अपने विरूद्ध

क्योंकि उसे

जड़ता में रहना पसंद है

इसलिए खुद को

दूसरों की आलोचना कर

बचाया !!!!


धीरे-धीरे

उसने सुरक्षात्मक दृष्टिकोण अपना लिया

अब वो लेखक है

उन्हीं लोगों के बारे में लिखते हैं

जो सीखते हैं

और इसलिए सुनते हैं

उनको

सीधे सादे लोग

बहलाया जा सकता है

ताकि दुनिया में बुद्धिजीवी बना जा सकता है

लोगों की तारीफ मिल सके

गला काटने वालों विरुद्ध

चुप रहना

अभी उसे

प्रसिद्धि पाने तक जिंदा रहना है !!!!

इन्हें भी पढ़ें 👉👉 सियासी लोग 

-राजकपूर राजपूत 


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