शिद्दत से चाहा मगर shayari on love

shayari on love

 शिद्दत से चाहा उसे मगर एतबार नहीं था 

नजरअंदाज करके चले गए प्यार नहीं था !!!


चाहा ज़रूर 

कोई मुझे प्यार करे 

लेकिन जबरदस्ती नहीं की 

जैसे बादल के उमड़कर आने के बाद भी 

बरसने की अपील नहीं की 

धरती आएं और चल दिए बादल 

लेकिन उम्मीद की बरसने की !!!!!

shayari on love

दुनिया प्यार के लिए तरसा होगा 

लेकिन मैंने कभी आशा नहीं की 

इसलिए कि 

जमाना बदल गया है 

मतलबी दुनिया में 

कोई-कोई चाहेगा मुझे 

इसी उम्मीद में 

सबको मोहब्बत की !!!!


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