My Words Poetry Hindi
अर्थहीन हो जाते हैं
मेरे शब्द
जब तुम सुनते हो
केवल अपने शब्द
एक नजरिया बनाकर
जिसमें तुम ठहर गए हो
न जाने कब से
तुम्हारी समझ
शायद ! उतनी है
खुद में समेट कर
जीने की प्रवृत्ति में
जिसके कारण
तुम्हें दिखाई नहीं देते हैं
मेरे शब्दों में
अर्थ और मायने
इसलिए फालतू है
मेरे शब्दों के भावनाएं
उसका अर्थ
तुम्हारे सामने !!!!
My Words Poetry Hindi
कितने व्यक्तिवादी सोच है तुम्हारी
तुम्हारे शब्दों के ज़िद्दीपन में दिखता है
बहस करने बैठे हो
तर्क में फर्क बेवजह दिखता है
सुनने को तैयार नहीं
सच का एतबार नहीं
बहलाना फुसलाना तुम्हारी नीयत है !!!
रख देते हो
कभी भी
कहीं भी
अपने शब्दों को
यह जानते हुए भी
तुम बहस नहीं कर सकते हो
उन गहराइयों में
तुम्हारी दृष्टि नहीं जा सकती है
जिस गहराई में
मेरी दृष्टि है
तुम भौतिकवादी
थकाने भटकाने के लिए
अपने शब्दों का चुनाव करते हो !!!
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