हर सुबह Ghazal life every morning

Ghazal life every morning

 मेरी तलाश और मेरी सुबह 

हर सुबह जिंदगी है नई

हर सुबह तलाश है नई

परिंदे उड़ गए आकाश में

उमंग, चाह और खुशी है नई

सरक गई है ओस की बूंदें

हरी हरी दूबो ,पेड़ों पे रंगत है नई

जिंदगी की हकीकत है

हर जद्दोजहद में तलाश है नई 

क्या पाया क्या खोया है

भूले बिसरे से उम्मीद है नई

अपने ही भार तले दबे हुए हैं

अपनी चाहत है नई

उम्मीद लगाए बैठे हैं

आंखों की चमक है नई 

तुम मिलोगे कहीं न कहीं

मेरी हर दौड़ है नई  !!

Ghazal life every morning

एक नई तलाश नई जिंदगी 

हर सुबह

एक नई शुरुआत है जिंदगी

मैं प्यासा

और मेरी प्यास है जिंदगी

निकल गए जो घर से

एक नई तलाश है जिंदगी

आंखों की बेचैनी बताती है

एक उम्मीद है जिंदगी

हर जगह हर शहर

आदमी की तलाश जिंदगी

क्यों रोता है क्यों हंसता है

पाना खोना है जिंदगी  !!


कोई पेड़ों की रंगत में खुशी ढूंढता है

कोई सच्चे इंसानों की संगत में दुःखी ढूंढता है

समझ अपनी-अपनी है

कोई अपनी ही धुन में

दुश्मन ढूंढता है

दोस्त ढूंढता है !!!!

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