ये जिंदगी है हमारी

Ghazal-Social_जिंदगी सबकी है लेकिन भूल जाते हैं कि इसे प्रेम से जीया जाय । लोग प्रेम को तो भूल जाते हैं लेकिन नफ़रत याद रखते हैं । जो सहज है । बस याद रखें । जबकि प्रेम त्याग, कष्ट ,समझ पर निर्भर करता है । बहुत सरल है नफ़रत में कहना,रहना , अपनी मर्जी के अनुसार कुछ भी कह दो जबकि प्रेम एक जिम्मेदारी है । जिसमें प्रेमी के भावनाओं का ध्यान रखा जाता है । 

कविता हिन्दी में 👇👇


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 जिम्मेदारी है हमारी

ये जिंदगी है हमारी

जीओ और जीने दो

इसी में भलाई है हमारी

न कोई छोटा न कोई बड़ा

सबसे रिश्तेदारी है हमारी

बेशक ये आसमां बड़ा है

लेकिन धरती प्यारी है हमारी

सफर में चलना है तो आओ

बस चलने की तैयारी है हमारी

जिंदगी का क्या भरोसा है

मौत से भी यारी है हमारी

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ये वक्त छोटा सा है 

जिसमें बंधा जिंदगी हमारी 

संग -संग चलते हैं सुख - दुःख

कभी छोटा कभी भारी

लोग भूल जाते हैं सुख में

दुःख में यारी !!!


धरती और मनुष्य के बीच में 

कभी मधुर संबंध नहीं था

जबकि मनुष्य

जंगलों के संरक्षण से

प्रगति की 

जब से सभ्यता का स्वाद चखा है 

मनुष्य

इतने प्रगति की

स्वयं के संरक्षक को पहले छोड़ा

जंगलों को काटकर

घर बनाया

पहाड़ों को तोड़ा

नदियों को मोड़ा

मनमाफिक

उसी दिन से

मतलबी रहा

मनुष्य

अपनी आदतों से !!!!

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