shayari love_
Kya jaruri hai
क्या ज़रूरी है
बेगैरतों के बीच रहना
चलो मैं ले चलूं उस पार तुम्हें
जहां प्यार का घर है अपना
न शिकायत होगी
न शिकवा होगा
प्यार के बीच में हो
घर अपना
जमाने को छोड़ देते हैं हम तुम
गर मिले साथ तुम्हारा
हमें क्या चाहिए इस जमाने से
साथ साथ सफ़र गुजर जाएगा अपना !!!
shayari love_
Kya jaruri hai
क्या जरुरी है बातें हो
प्रेम है तो मुलाकातें हो
तुम समझ जाना मेरी बात
यहीं मेरे लिए बहुत हो !!!
प्रेम उस वक्त आता है
जब उदासी होती है
रात के अंधेरे में
अक्सर सहलाती है
उसकी यादें
और मैं करवटें बदलते हुए गुज़ारता हूं
सारी रात !!!
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