तर्कशील होना /poetry on logic

poetry on logic

 तर्कशील होना 

अच्छी बात है

मगर याद रहे 

हृदय न सूखे

किसी का दिल न दुखे

सवालों से

वर्ना आजकल के बुद्धिजीवी

परेशान रहता है

अपने ही जवाबों से

तर्क करता है तो ठहरता नहीं

जिद ऐसा मानता ही नहीं

 तर्कशील होना 

अच्छी बात है

मगर याद रहे 

हृदय न सूखे

किसी का दिल न दुखे

सवालों से

वर्ना आजकल के बुद्धिजीवी

परेशान रहता है

अपने ही जवाबों से

तर्क करता है तो ठहरता नहीं

जिद ऐसा मानता ही नहीं !!!

poetry on logic

तर्कशील होना

शिक्षित होना

बेरोज़गारी ऐसी

संसद पर हमला करना

कहां से तर्क लाते हो

आतंकवादी भी

महान होना

तुम्हारी समझ ही ऐसी है

जैसे गवार होना !!!!

अपने विचारों को थोपना

खुद का श्रेष्ठ होना

अपने/ पराएं में

तर्क और फ़र्क होना

क्या दर्शन है !!!

इन्हें भी पढ़ें 👉 बुद्धिजीवी और दोगलापन 

हर जरूरी चीजों पर संदेह

निर्थकता की खोज है

जब आप जीवन की गति में

कुछ सत्य रूप में स्वीकार नहीं कर पाते हैं !!!



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