ghazal on love
तुम्हारा ख्याल हो जैसे
अकेले में कोई साथ हो जैसे
करता हूॅं खुद से बातें अक्सर
हर पल कोई मेरे साथ हो जैसे
जिंदगी की मेरी तलाश क्या है
मेरे सवालों का जवाब तुम हो जैसे !!!!
ghazal on love
मैंने बस तुम्हें चाहा
और मैं बदलने लगा
तुम्हारे जैसे
जैसे पिघल जाते हैं
बादल
धरती के पास आने से
बरस जाते हैं
बिन कहें
उसी तरह से मैं
तुम्हारे पास आने के बाद
मचलने लगा हूं
तुम्हारे प्रेम में !!!!!
तुम्हारा ख्याल आया तो
याद आया
अब मानसून लौट चुका है
सागर की ओर
मुझे इंतज़ार करना है
फिर से
जून महीने का
तब-तक
ख्वाब ही सही है
तुम्हारे प्रेम का !!!!
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