अकेले का मजा poem-on-love

poem-on-love akele-ka-maja- प्रेम एक ऐसा एहसास है । जो हर पल खास है । रहे कहीं भी पूर्णता का अहसास है ।‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌जीने के लिए एक आसरा चाहिए । एक वजह चाहिए ।  बिन वजह के जीने में कोई मज़ा नहीं है । मगर जिसे प्रेम हो गया है । उसे हर हाल में सुरक्षित भावना मिलती है । वैसे तो आजकल नफरतों से भी जीया जाता है लेकिन ये तपिश, जलन देती है । कविता हिन्दी में 👇👇

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 अकेले रहने का नशा

बस तेरी यादों को

फुर्सत से जीने का मजा

यदि मुझे प्यार मिला होता

तो मैं इतना ना तन्हा होता

मुझे मिला है तेरे धोखे की सजा

बस तेरी यादों को

फुर्सत से जीने का मजा

मेरी मोहब्बत में अब भी ताजगी है

इसलिए मेरी जिंदगी बाकी है

मैं लेता हूॅं अब

हर दर्द में सुकून का मजा

बस तेरी यादों में

फुर्सत से जीने का मजा!!!



एक दर्द है

एक चूभन है

मेरी स्मृति में

तेरी छवि का छूवन है

ठंडक और शीतलता देती है

मेरे हर दर्द

सहला देती है

तेरी यादों का छूवन है  !!!!

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---राजकपूर राजपूत''राज''


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