poem of love - Tera sparsh
तेरा स्पर्श काफी है
मेरा थकान मिटाने के लिए
मेरी दिली ख्वाहिश है
एक बार करो स्पर्श
प्यार से
मैं खिल उठूं फूल बन
बिखेर दूं खुशबू
बन - उपवन
दिली ख्वाहिश है
तुम आ जाओ
भौंरे बनकर
मेरा जीवन सवारों
बहार बनकर
ऐसा बस स्पर्श करो !!!
मेरा उबाऊपन
जब भी उबाऊपन आए
मन न लगे
कहीं भी
तब तुम आना
मेरी यादों में
जिसके स्मरण से
मेरी तनहाई बिसर जाएं
जिस्म में रौशनी बिखर जाएं
तुम आना इस तरह !!!
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