हम मिले भी तो अजनबी की तरह ghazal on love

ghazal on love - प्रेम -एक जिंदगी है । जिसमें जीया जाता है । सारे जीवन को । जिसकी तलाश सदा बना रहता है । लेकिन किसी को शिद्दत से चाहने के बाद भी प्यार नहीं मिल पाता है । कितना भी अपनापन, प्यार दिखाओगे फिर भी एक दूरी बनी रहती है । जिससे महसूस होता है कि इन सबके बावजूद अलग-अलग हैं । जो कभी मिल नहीं सकते हैं । जैसे धरती और आसमान का मिलना । केवल क्षितिज पर लगता है , मिला हुआ है । 

ghazal on love

 हम मिले भी तो अजनबी की तरह 

जैसे आसमान और जमी की तरह

 

उसकी हँसी में कुछ कशक है बाकी 

सबसे मिलते हैं कुछ कमी की तरह


दर्द छुपाए हैं ज़माने भर के मगर 

उसकी आँखों में दिखती है नमी तरह


जिंदगी में बहुत ठोकरें खाई हैं मगर 

जीते हैं तेरे नाम से खुशी की तरह


जहॉं भी रहे चाहे जिस हाल में रहे

हमने चाहा सदा तुझे जिंदगी की तरह


बरसों से देखते थे जिन रिश्तों को

आज वही मिलते हैं व्यापारी की तरह

 

हमने भी चाहा उसको उसने भी चाहा था हमको

मगर आरोप लगाया किसी क़ातिल की तरह


 जब वो मिले तो जाना जिंदगी क्या होती है

फूलों की खुशबू, चांद के हंसी की तरह


उससे रिश्ते सम्हलकर बनाते हैं दोस्तों

जो आदमी है किसी राजनीति की तरह !!!

उसकी आंखें हैं नमी की तरह

जैसी शीतलता जमीं की तरह

उसके जिस्म की खुशबू पहचान लेता हूॅं

फूलों की खुशबू की तरह

उसके पास आ के दुनिया छोड़ दिया

जिंदगी मौत की तरह !!!


हम मिले भी तो अजनबी की तरह

दिल सियासी किसी राजनेता की तरह

पार्टी का अपना संविधान, नियम क़ायदे हैं 

विचार अगर अलग है तो इंसान अजनबी की तरह !!!!

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ghazal on love


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