ghazal love- meregeet
उसकी यादों से बच नहीं सकता
थका हूॅं अब मैं लड़ नहीं सकता
सिवाय यादों के बचा है क्या मेरे पास
उससे मिला प्यार भूला नहीं सकता
उसने जख्म दिए हैं मेरे सीने में इस तरह
दर्द अपना है किसी से कह नहीं सकता
मुझपे ज़रा सा गूरूर नहीं है यारो
कच्ची मिट्टी हूॅं मरने से बच नहीं सकता
जीना है तो इसी ग़म में जीओ 'राज़'
यकीं है वो मेरा कभी हो नहीं सकता !!!!
ghazal love- meregeet
अनंत आकाशगंगा में से
एक्का दुक्का सितारे
जैसे तुम मुझे लगते हो प्यारे
देखने वाले को लग सकता है
आपस में जुड़े हो सितारे
बातें करते होंगे
लेकिन नहीं
सितारे आपस में
उतने ही दूर है
जितने क्षितिज पर
धरती और आसमान
मिलते हुए देखा गया है
ये मिलन
एक भ्रामक है
हम जहां खड़े हुए हैं
और जितनी दूरी है
उतनी ही दूरी हर जगह से
ये सितारे !!!!!
प्रेम नहीं मारता है
किसी को
उसके साथ दिखाया गया
प्रेम
ठगा गया
प्रेम के सहारे
हार जाता है
प्रेम !!!!
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थका हूॅं
इसलिए कोशिश की हूं
भुला देने की
जिस वादे के सहारे था
उसी पर लूटा हूं
इसलिए थका हूॅं
---राजकपूर राजपूत''राज''
2 टिप्पणियाँ
Super 👌
जवाब देंहटाएंधन्यवाद 🙏
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