Ghazal-Hindi Behaviour व्यवहार तभी अच्छा जब दिखावा न हो । जो हैं सो है । बेवजह का चढ़ावा न हो । लोग अब समझ जाते हैं मतलब के रिश्तों को । ढोंग का दिखावा न हो । शब्द और कार्य एक न हो तो रिश्ते असहज लगते हैं । हो सम्मान तो दिल से हो । शब्दों तक सीमित रखने से रिश्तों में थकावट बनी रहती है ।सदा प्रेम से भी रहा जा सकता है । पढ़िए इस पर कविता 👇
Ghazal-Hindi Behaviour
सबसे प्रेम व्यवहार रहे
ये दिल में सदा प्यार रहे
आए मुसीबत चाहे कुछ भी
तेरे मेरे बीच सदा प्यार रहे
हो जाती है गलतियॉं भूल से
शिकायत हो मगर प्यार रहे
लगा रहता हूॅं अपनी तलाश में
खुशियॉं बरसे जहॉं मेरा प्यार रहे !!!
सात जन्मों का साथ जरूरी नहीं
बस दो घड़ी का संसार रहे !!!
उम्मीद
दुश्मनी की उम्मीद किसी से नहीं
चालाकी से भरें व्यवहार सही !!!
किसी के शब्दों में बसने से पहले
उसके कार्यों को समझना चाहिए
अगर मिलान नहीं है कर्म और वचन
ऐसे लोगों को मतलबी समझना चाहिए !!!
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