पुराने दोस्त याद आए ghazal on friend

ghazal on friend दोस्त एक खुला रिश्ता है । जिस रिश्ते पर मन के भीतर कोई संशय, शंका, छुपाव दुराव नहीं होता है । जहां ऐसा नहीं है । वहां पर दोस्ती नाम की कोई चीज ठहर नहीं पाया जाता है । दुनिया से बेशक न कह पाएं लेकिन दोस्तों के सामने बिल्कुल कह सकते हैं । 

ghazal on friend

 पुराने दोस्त याद आए

कितने दिनों बाद आए

अब मुलाकात नहीं होती

त्योहार के बहाने याद आए

उसे देखते ही ऐसा लगा

बचपन के दिन याद आए

ये दौड़-धूप खुशी नहीं देती

ढूंढता हूॅं तो दोस्त याद आए !!!


बहुत दिनों के बाद

याद आएं दोस्त

ऐसा लगा जैसे

जीवन का जीना याद आए

जो लड़ नहीं पाया था

जो सह नहीं पाया था

उनके बिना

उसके साथ आने से

साहस याद आए

जब पुराने दोस्त याद आए

जीवन बीत गए उदासी में

एक - एक खुशी की तलाशी में 

न मिला कभी हरापन 

जीवन में अपनापन

किससे कहें दर्द अपना खुद ही सहला आए

जब पुराने दोस्त याद आए !!!!


बहुत दिनों के बाद

तुम याद आए दोस्त

तुम दूर ही सही

मगर  साथ आए दोस्त 

जब दुनिया की दौड़ से

प्यार न पाया

तेरी यादों के सहारे हर दर्द

छोड़ आए दोस्त !!!

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