रक्षाबंधन का त्योहार
रंग बिरंगे रेशम के धागे हैं
बहन ने भाई के हाथों में बांधे हैं
रहे सलामत सदा मेरे भाई
यहीं दुआ भगवान से मांगे हैं
चली जाती है बहन ससुराल मगर
मायके का प्यार सदा मांगे हैं
वो हंसी ठिठोली करते थे बचपन
वो दिन फिर भाई से मांगे हैं
-राजकपूर राजपूत
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