Ghazal Jindagi ki Hindi mein
पुराने दोस्त मिलते ही मुस्कुरा देते हैं ।
अपना दर्द छुपा लेते हैं ।
अब वो बेफ़िक्री के दिन गए
याद आए और रुला देते हैं
पहले जैसा मिलना अब मुश्किल है
मिला दर्द इतना कि हंसा देते हैं
शहर की भीड़ तन्हा लगता है
सीने में पुरानी यादें बसा लेते हैं
शहर आ गया कमाने खाने के लिए
अपनी चाहत प्यार से दफना देते हैं !!!
Ghazal Jindagi ki Hindi mein
अपना दर्द छुपा लेते हैं
हंसते ऐसे हैं अपना दर्द छुपा लेते हैं
ग़म के साथ जीने की आदत
लड़े इस तरह कि अपनी खुशी छुपा लेते हैं
किसी कहें अपना इस ज़माने में
मिलें कई लेकिन मतलब छुपा लेते हैं
वो हंसते हैं उनकी आदत में शामिल है
जब जरूरत आई तो हाथ छुड़ा लेते हैं !!!!
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