Poetry Time
वर्तमान का उपयोग सीख गया
तो आदमी का अस्तित्व दिख गया
जी लेते हैं वो भरपूर जिंदगी
जो आज अभी काम सीख गया !!!
Poetry Time
समय
उस वक्त महसूस नहीं होता
जब प्रवेश कर जाते हैं
बचपन की नादानी
हंसी ठठोली में गुजर गया
जब जवानी आई
तो अपना राग गाया
लेकिन गुजर गया
जब बुढ़ापा आया
कुछ कर नहीं पाया
तब याद आया
बचपन
निश्चिंतता के
अल्हड़ के
सुकून दिया
कर्म जवानी के
गर्वानुभूति की
स्मरण में ताज़गी
ठहरने के बाद
या गुजरने के बाद
याद आता है
समय
असमर्थता के समय में
प्रवेश करने के बाद
महसूस होता है !!!!
जिंदादिल इंसान
वहीं है
जो समय के साथ जीते हैं
समय की क़ीमत पहचानते हैं
जो इसमें चुकते है
जिंदगी भर पछताते हैं !!!
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