वो तुम नहीं थे

तुम नहीं हो मेरे जीवन में 

 वो तुम नहीं थे

जो पहले थे

न ही तेरे शब्दों में

अपनापन था

जो मेरे दिल के

करीब था

खुद में समेटे हुए

जिसे बार-बार 

सुनने के लिए

मेरा मन आतुर था

वो तुम नहीं थे

जिसे मैंने समझा था

व्यवहार में बातें 

सबसे होती है

वो कोई प्यार नहीं था

-राजकपूर राजपूत 


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