thoughts on religion सीधा-सीधा अर्थ है धर्म का धारण करना । उन निहित अर्थों को जिससे जीवन सरल होता है । धर्म में निहित सिद्धांत को । जिससे जीवन सुगमता से चलता है । तथा उनका त्याग करें जिससे अपनाने से कठिनता का अहसास हो । अब प्रश्न आता है कि अपनाएं किसे ? जिससे जीवन अच्छा हो ! तो विचार कीजिए आपको क्या चाहिए ? जरुरत क्या है ? अपने इसी प्रश्न के अनुसार धर्म में तलाश कीजिए । उसके जवाब । जब मिल जाते हैं तो संतुष्ट होते जाएंगे । यदि धर्म संकुचित है तो जवाब ढूंढने में कठिनाई आएगी । यदि धर्म में व्यापक विचार समाहित है तो निश्चित है पूर्णता का अहसास होगा । पढ़िए आजकल के धर्म पर शायरी 👇👇
thoughts on religion
धर्म की अहमियत यह नहीं कि खुद को दो
धर्म का मतलब है खुद के जैसे सबको दो !!
धर्म का मतलब यह नहीं न माने तो गला काट दो
धर्म का मतलब है जीओ और जीने दो !!
धर्म मन की शांति पाने का तरीका है
जीवन सरल हो बनाने का तरीका है !!
जो जिंद करे वो धर्म कैसा
सियासत के विचार जैसा !!!
धर्म वहीं उत्कृष्ट होता है
जिसमें चिंतन की विचारधारा होता है !!
ज्ञान का उपदेश दो तो रखो ध्यान
शामिल हो जीवन जीने का ज्ञान
यूं तो आजकल लकीरें काटते हैं दूसरों का
धर्म का ज्ञाता नहीं है सियासत ही जान !!
आंखें बंद करके ईश्वर नहीं मिलता है
मन, आत्मा को जाने बगैर ज्ञान नहीं मिलता है !!
तुम कहते हो हम ज्ञानी हैं
जितना बड़ा दावा उतना ही अज्ञानी है !!
मन, कर्म,वचन का तालमेल हो
जितना संतुलन उतना जीवन सरल हो !!
जो जान नहीं पाते हैं धर्म का ज्ञान
और धर्म का प्रचार करते हैं आतंकवादी जान !!
मतलबी युग में कौन धर्म का मर्म जानते हैं
भौतिकता के पीछे भागते हैं!!
कुछ ऐसे शिक्षित होना आजकल तो ढोंग है यारों
तर्क लगाते हैं फर्क कर जाते हैं अनुमान है यारों !!
पाखंड केवल धर्म का ना देखो
कुछ तथाकथित बुद्धिजीवियों का भी देखो !!
दोगलापन में इतना माहिर हैं
जग सारा जाहिर है !!
स्वयं समझें अपने धर्म को
उसके भीतर निहित अर्थ को !!
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