Ghazal Hindi Hum Sochte hain
हम सोचते बहुत हैं
इसलिए थकते बहुत हैं
वहॉं, शायद कुछ मिलेगा
हम ढूॅंढ़ूते बहुत है
दबी रह गई दिल की बात
मेरे अरमान जलते बहुत हैं
इस दौर का आदमी अजीब है
खुद से डरते बहुत हैं
बुरा न चाहा कभी किसी का
लेकिन मुझसे डरते बहुत हैं
अब शायद नैतिकता बदल गई
बुरे इंसान हॅंसते बहुत है !!!
Ghazal Hindi Hum Sochte hain
हम सोचते बहुत है
उन लोगों के नजरिए से
जिसने सफलता का स्वाद चखा
या जिसने सफलता के लिए कोशिश की है
हमने आदर्श माना
और उसके पिछलग्गू होने की कोशिश की है
यह मानकर कि
वो महान है
जिसने सफलता प्राप्त की
उसके तरीके, उसके ढंग
चाल-चलन, चरित्र के
चाहे जैसे भी रहे
मान लिए
अपना लिए
उन्हीं हथकंडों को
चाहे जैसे भी हो
हमने भी कोशिश की है
नैतिकता, चरित्र मायने नहीं रखते हैं
सफलता मायने रखती है
इस तरह हमने आदर्श और अच्छा जीवन
जीना छोड़ दिया है !!!!
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