जो भावनाओं में होते हैं ।poetry on emotion- उसे हर कोई लूटता है । उसे पिघलाना आसान है । लेकिन जो दिमाग से होते हैं । उसे मुश्किल । लेकिन इसका भी तोड़ निकाल चुके हैं । आज हर व्यक्ति दिमाग से चलने की कोशिश करते हैं । यह जानता है कि क्या बुरा है ? क्या अच्छा है? फिर भी गलत करते हैं । क्योंकि वे स्वीकार कर चुके हैं । गलत कामों को भी नैतिकता के रूप में । इसलिए उन तरीकों का अविष्कार कर लिए हैं । जिससे अपराधिक बोध न हो । बल्कि एक जिम्मेदारी और समझदारी का काम सा प्रतीत हो । जैसे रिश्वत को चाय पानी की तरह लेना आदि ।
इस पर कविता हिन्दी में 👇👇
poetry on emotion
जमाने के बहुत सुनता हूॅं
उसके दिल में खुद को ढूंढता हूॅं
जज्बातों से भरा दिल है मेरा
रोज किसी के बातों से टूटता हूॅं
चालाकी बहुत है
दिमाग के इस दुनिया में चालाकी बहुत है
आदमी गिर रहे हैं और गिरा हुआ आदमी बहुत है
रिश्वत कोई बुराई थोड़ी है व्यवहार है
चाय पानी के नाम पर यहां लूटते बहुत है
लोग शिक्षित होने के लिए कहते हैं मगर
सिस्टम पर बैठा हुआ आदमी पढ़ा लिखा बहुत है
न अपराध बोध है न पछतावा कोई
लेना है रिश्वत तो तरीके बहुत है !!
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