ऑंखों से ऑंसू छलकने ना दिया

Meree aakho ke aansoo ghazal 

 ऑंखों से ऑंसू छलकने ना दिया

इश्क में दर्द को बहकने ना दिया

तुम चले गए मेरा दिल तोड़कर

मेरा इश्क जिंदा है मरने ना दिया

एक बार होता है प्यार किसी को

मेरा दिल किसी गैरों पे आने ना दिया

हमने तो दर्द समेटकर रखा है 

इसकी मीठी सी चुभन कभी जाने ना दिया  !!

Meree aakho ke aansoo ghazal

गिर जाते आंसू तो मैं हल्का हो जाता

दिल के दर्द से मैं हल्का हो जाता

मैं नहीं चाहता तेरी याद सीने से जाए

ऐसे में मेरा प्यार हल्का हो जाता

गिर कर मिली सफलता हर किसी को नहीं भाता

तू दुनिया से हल्का हो जाता  !!!

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