बहुत कुछ A Lot of Poetry Hindi

A Lot of Poetry Hindi 
बहुत कुछ
समझा जा सकता है
तेरे सफाई से
झूठी सच्चाई से
तेरे दिल की बात
तोड़ने-मरोड़ने से
बहाने बनाने से
तेरी छुपी हुई बात
उजागर हो जाती है
तेरी चालाकियों भरी बातों से !!!

A Lot of Poetry Hindi


घर के सभी दरवाजे
ठीक ठाक बंद किए थे
रसोईघर में दूध का डिब्बा है
ताला हिला कर देखा था
आश्वस्त हो कर सो गया
लेकिन बिल्लियां ताक में रहती हैं
मुझे याद था
जब सुबह जागा तो पाया
दूध का डिब्बा
गिरा पड़ा है
और दूध बिखरा है
अफसोस
सहसा याद आया
दरवाजे बंद करने से पहले खुला था
बिल्लियों का यही मौका था

दुःख इस बात का नहीं
बिल्लियां दूध पी गई
उससे ज्यादा बिखरा गई
चालाक होने के बाद
नुकसान कर गई
उन उसकी हुई
न मेरा
जैसे चालाक लोग
तोड़ देते हैं
रिश्तों को !!!!

गैर जरूरी था

उसकी होशियारी

अजमाया मुझे

दिल की तसल्ली के लिए !!!

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