पानी की कीमत Price of Water Poem

Price of Water Poem 

पानी की कीमत प्यास है
बरसात में अहमियत भूल जाते हैं

इंसान का रिश्ता मतलब से है
मतलब निकल जाने से कीमत भूल जाते हैं

आदमी आखिर अपनी हैसियत दिखा देते हैं
जब मतलब निकल जाते हैं

लोग भूल जाते हैं वक्त के साथ साथ
धीरे धीरे ज़ख्म भर जाते हैं

उस खेत की हरियाली चली गई
जिस खेत के पानी सूख जाते हैं !!!


Price of Water Poem


जरुरत है इंसानों को
तब क़ीमत है
बरसात हुई तो
क़ीमत घट जाती है
पानी की !!!

पानी जब भी बरसे
कम बरसे
तो आदमी तरसें
अधिक बरसें तो
क़ीमत घटी !!!!

जरुरत की पूरी के बाद
क़ीमत नहीं रहती
भूख के बाद जैसे पहली रोटी की होती है
आखरी की नहीं होती !!!


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