Tune of Love Poem
जब प्यार की धुन लग जाती है
तब सारी दुनिया छूट जाती है
शौक़ से नहीं हुआ था इश्क़ मुझे
जागते हैं रातभर नींद नहीं आती है
दुनिया नहीं समझी दिल के हालात
समझाएं मगर समझ नहीं आती है
मोहब्बत हो गई है जिसे एक बार
उसे दुनिया कहां भाती है !!!!
Tune of Love Poem
नदी से कहा धारा ने
कहां तक जाना है
नदी ने कहा धारा से
जहां उछलना भटकना बंद होगा
वहीं ठहर जाना है
अभी मत सोचो रूक जाना है
आगे आगे बढ़ते जाना है
जब मिल जाएगा अपना सहारा
उसी में मिल जाना है !!!
मैं भूला नहीं
तुम्हारी खुशबू
मुझे अहसास होता है
हर जगह
हर सांस में
जहां भी जाऊं
तेरी छवि रहती है
मेरी आंखों में
सहअस्तित्व का भान होता है
बाहर - भीतर
जैसे हम तुम एक हैं !!
स्थिति/परिस्थिति
भिन्न हो सकती है
लेकिन हम एक हैं
मैं तुझे महसूस कर सकता हूं
तू मुझे
और एक दूसरे को
जितना हम महसूसते
पास होते हैं
हृदय के !!!
जितना शेष है
उतना क्लेश है
मिला बहुत कुछ
फिर भी लगता है
बहुत कुछ शेष है
ये जिंदगी की भागदौड़
छल रही है मुझे !!!!
उम्र की गिनती में
भले ही अनुमति न दें मुझे
लेकिन जिंदगी
मैं तुझसे वादा करता हूं
जीऊंगा भरपूर तुझे
मैं भूलूंगा नहीं तुझे
बेशक ! उम्र छोटी लगता है मुझे
लेकिन मैं वादा करता हूं
तुझे शामिल करूंगा
बचपन के अल्हड़पन में
जवानी के फक्कडपन में
बुढ़ापे की समझ में
जीऊंगा ऐसे
हर पल उत्सव हो जैसे !!!
मैं उम्र की गिनती भूल जाना चाहता हूं
जिंदगी तुझे भरपूर जीना चाहता हूं
कुछ शिकायत होगी, फिर भी तुझसे बात होगी
कभी भूल न पाऊं मैं तुझे ये मेरी मोहब्बत होगी
जितनी दूरी होगी उतनी तड़प भी होगी
तन्हाई न हो कभी मुझे मेरी आंखों में तेरी छवि होगी
ख्यालों में तुम हो और तुझसे प्यार की बातें होगी
जब मेरा सफ़र आख़िरी हो तो तुम साथ हो
ऐसे सुकून भरें लम्हों में मर जाना चाहता हूं
और मैं हर हाल में तेरा प्यार चाहता हूं
जिंदगी तुझे भरपूर जीना चाहता हूं
मैं उम्र की गिनती भूल जाना चाहता हूं !!!!
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---राजकपूर राजपूत
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