उम्मीदों का दीया जला कर रखना

मासुमियत बचा कर रखना
अहमियत जता कर रखना

दो दिन की है जिंदगी अपनी
दिलों में प्यार सजा कर रखना

जिंदगी मेरी प्यासी है तेरे बिना
मेरे वास्ते ख्वाब सजा कर रखना

बहुत जालीम है ये दुनिया वाले
अपना दर्द सभी छुपा कर रखना

खुश हूॅं बहुत कोई तरस न खाओ
उम्मीदों का दीया जला कर रखना
---राजकपूर राजपूत''राज''
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