सफ़र अच्छा रहा अब तक
सफ़र अच्छा रहा अब तक
जो तेरा साथ रहा अब तक
नफ़रतों के साए में जिंदा हूॅं
तेरा प्यार साथ रहा अब तक
इस कदर नफ़रत थी उसके सीने में
सच को बदलता रहा अब तक
इश्क दिल में होता है चेहरे पे नहीं
वो चेहरों पे ढूॅंढता रहा अब तक
---राजकपूर राजपूत
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