तुम कहीं भी रहो

Tum-kahi-bhi-raho - प्रेम के पास रखने की अपेक्षा, उसके दिलों में बस जाना श्रेष्ठकर है । किसी बंधन में डालना मतलब क़ब्जे में रखना है । प्रेम, प्रेमी के लिए उन्मुक्त जगहों का निर्माण करते हैं । न कि बंधनों में बांधते हैं । उसकी खुशी में खुशी का अहसास करता है ।  

Tum-kahi-bhi-raho 

तुम कहीं भी रहो

सदा खुश रहो
मेरे दिल में रहो
या तेरे दिल में रहूं 
या अपने घर में रहो
ये दुआ है हमारी
ये चाहत है मेरी
हर हाल में
आबाद रहो

तुम कहीं भी रहो

                 Tum-kahi-bhi-raho 


तुम कहीं भी रहो
ये तुम्हारी मर्जी
हम तुम्हें चाहेंगे
ये हमारी मर्जी
हम इतना जानते हैं
तुम्हारी खुशी में
हमारी खुशी है


तुम कहीं भी रहो
चाहे मेरे पास रहो
या दूर रहो
मैंने चाहा है तुझे

मेरा प्रेम
कभी दावा नहीं किया
तुझे पास रखने का
लेकिन इतना जरूर चाहा
मुझे शामिल रखना
अपने अहसासों में!!

---राजकपूर राजपूत''राज''

Tum-kahi-bhi-raho






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