poem on tea and biscuits
चाय और बिस्कुट का अजीब रिश्ता है
चाय पीते ही बिस्कुट टूट जाता है
घुल जाता है
भूल जाता है
अपना अस्तित्व !!
चाय और बिस्कुट एक हो जाय
चाय का मिठास और बढ़ जाए
एक नई ऊर्जा एक नया उत्साह
और बढ़ जाए
पी लो चुस्कियों में
हर समस्या का हल हो जाय !!!
तुम्हें लगता होगा
कप आखिर कितना बड़ा है
चाय भर आई
तो कीमत बड़ी है !!
चाय का पीना और रिश्तों का मिलना
एक ही उत्साह और खुशी है !!
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