एक कप चाय मिल जाए

a cup of tea Ghazal Hindi एक कप चाय हो जाय 


एक कप चाय मिल जाय 
दिल के अरमान खिल जाय 

न पूछ मेरी हालत अभी क्या है
जैसे पानी में शक्कर मिल जाय 

बैठ मेरे सामने तुझे देखता रहूॅं
चाय के साथ मुझे चैन मिल जाय 

मेरी चाय की चुस्कियों में तेरी यादें हैं 
गुफ्तगू हो तुझसे और ताजगी मिल जाय 

ये दिन भर की दौड़ धूप से थक गया हूं
सोचता हूं मेरी चुस्कियों में तेरा नाम आ जाय  !!



कल भी मैं उदास था आज भी हूॅं 
फिर ताजगी के लिए चाय पीने को तैयार हूॅं  !!

-राजकपूर राजपूत 
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a cup of tea Ghazal Hindi



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