नैतिक पतन Moral Degradation Poem Hindi

Moral Degradation Poem  Hindi

नैतिक पतन का पराकाष्ठा
वहीं है जहॉं आप
अपनी गलतियों को
छुपाने का प्रयास
इस ढंग से करते हैं
कि आप सच्चे हैं 
जबकि
सच्चाई का एहसास सबको है
भले ही
थोड़ा स्पष्ट रूप से
दिखाई न दें 
मगर समझ सबको है
और आप खुद को
बेहतर बनाने के लिए
निरंतर झूठ का सहारा ले रहे हैं
ये सब जान रहे हैं !!!

Moral Degradation Poem  Hindi


उसे बुरा नहीं लगा 
ये जानते हुए भी कि 
उसकी चोरी पकड़ी गई 
आरोप भी लगे 
और जेल भी जाना पड़ा 
जमानत भी मिली 
लेकिन फैसला बाकी था 
उसने जमानत मिलते ही 
जश्न इस तरह मनाया 
निर्दोष साबित हो गए 
किसी क्रांतिकारी की तरह 
जनता को लगने लगा 
लोकतंत्र की खासियत है 
जहां भीड़ है 
उसके आधार पर 
न्याय होगा !!!!

भीड़ की संख्या में 
बदलते है लोकतंत्र 
उनकी परिभाषाएं 
उनका न्याय 
कोई स्थापित नहीं कर सकता है 
अकेले !!!!

इन्हें भी पढ़ें 👉 मार्गदर्शन और आप 

Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ