मार्गदर्शक और आप guide and you article in hindi

खुद का मार्गदर्शक , मैं खुद हूँ ।guide and you article in hindi  मुझे जब तक अहसास नहीं होगा । तब तक मेरे लिए कोई खास नहीं होगा । भले ही ये बात अटपटा लगे लेकिन मुझे सच लगता है । 
गुरु या अन्य आदरणीय लोगों में ज्ञान बेशक हो मगर सीखते वही विद्यार्थी है जिसमें ग्रहणशीलता की क्षमता हो । पाने की ललक हो । 

guide and you article in hindi 


सूरज में रौशनी है लेकिन उनके लिए,, जिनकी ऑंखें हैं । बिना ऑंखों के रास्ता दिखाई नहीं देगा । अंधों के लिए सूरज का कोई मायने नहीं है । उसे सदैव लाठी के सहारे चलना ही पड़ेगा । 
दूसरा ,,सीखते हैं वहीं जो परिस्थितियों से लड़ते हैं । जो शुरुआत नहीं करेंगे । वो जीवन भर डरेगे । आज- कल करेंगे । जब तक उसके अंतःस्थल से खुद का सहारा नहीं मिलेगा । 

आकलन और आप 


दूसरो के मार्गदर्शक पर चलने वाले अक्सर खुद के भरोसे नहीं चलते हैं । यदि चलते हैं तो डरते हैं क्योंकि उसे यकीं नहीं रहता है कि वो जो कर रहे हैं । कितना सही है कितनी गलत ।  उसकी दृष्टि किसी भी कामों का आकलन करने में असमर्थ होता है । जिसके लिए उसे अपने मार्गदर्शक का सहारा लेना पड़ता है । वो जो भी कह दे । उसे स्वीकार होता है । क्योंकि वो जानता ही नहीं ।  
दूसरो को अपना मार्गदर्शक मानने वाले की अनुमति कम होती है । क्योंकि किसी भी बात, कार्य, भावों में उसकी स्वयं की दृष्टि नहीं पहुंचती है । इसलिए अनुभूति कम होती है । जिसे कोई भी,, कभी भी तोड़ सकते हैं । मोड़ सकते हैं । स्वयं के विचारों में । जिसके लिए खुद की दृष्टि की अतिआवश्यकता है । 

मार्ग दर्शक


ऐसा नहीं मार्गदर्शक होना गलत है लेकिन कब तक । मार्गदर्शक का भी अपनी सीमा है । जिस पर सिमटा है । उसकी अपनी जिंदगी है । 
हर सच्चे मार्गदर्शक की यही आशा होती है कि उसके मानने वाले आत्मनिर्भर बनें और अपनी जिंदगी जीए । इसी में उसे सच्ची खुशी मिलती हैं । न कि अपने भरोसे किसी को जीने के लिए मजबूर करें । 
इतना तो जरूर जान लो,, आजकल के जमाने में सच्चा मार्गदर्शक मिलना कठिन है । भले ही आपकी धारणाएं कुछ भी कहें !!!!
---राजकपूर राजपूत''राज''
 
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