yki par Kavita Hindi main
संघर्ष कर
अपने पथ पर
हौसला रख
खुद पर
भरोसा नहीं
यहाॅ॑ किसी पर
मंजिल दूर नहीं
यकीं कर
खुद पर !!
वो जीना भी क्या जीना है
जिसमें संघर्ष न हो
वो इंसान भी क्या इंसान है
जिसमें चुनौतियों से लडने का हौसला न हो
यहां सहज कुछ नहीं मिलता है
जो सीना तानकर खड़ा है वहीं टिकता है
वो मर गया है इंसान
जो चंद पैसों में बिकता है
खुद्दारी ही आदमी की पहचान है
मर गया है वो आदमी जो अनजान है!!!
समझने और समझाने में
यही अंतर है
कोई अपना समझ कर
ठग लेता है
कोई बेवकूफ समझ कर चला जाता है
चला आता है
मतलब खुद को बड़ा दिखाना जिसका मक़सद है !!!!
1 टिप्पणियाँ
धन्यवाद 🙏
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