You had us poem
तेरे पास ही थे हम
तुने देखा ही नहीं
आवाज़ दी थी मैंने
तुने सुना ही नहीं
चाहत बदल गई तो
इरादे बदल गए
दिल्लगी नहीं है तो
तुम्हारे ख्याल बदल गए
अब कहें तुम्हें हम क्या
जमाने के साथ साथ
तुम भी बदल गए
तुने याद किया सिर्फ
मेरी गलतियां
जबकि मेरे भीतर
कुछ अच्छाई थी
मैं बाद में समझा
तुम तो नफ़रती हो
जिसे मेरे भीतर की
अच्छाईयां दिखाई न दी !!!
मैं सोचता रहा
आखिर तुने कैसे चाहा
जब तुम प्यार का नाम लेते हो
कई वादे कर देते हो
जिसे पूरा करना लगभग मुश्किल है
इन्हीं बातों से तुम प्यार करते हो
कितना जटिल बना दिया
तुने प्यार को
जिस पर चलना कठिन है
और मुश्किल वादा करते हो
क्या तुम ऐसे प्यार करते हो !!!
प्यार सरल
इतने सरल
जिसे निभाया जा सकें
न कोई वादा
न कोई इरादा
बस ख्याल एक दूसरे का !!
तुम कहां चले गए
चांद सितारों को तोड़ने
गए तो तुम ठीक हो
लौटकर भी आते
मैं जमीं पे इंतजार कर रहा हूं तेरा !!!
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