लेन-देन

अपनी अपनी चाहत
अपनी अपनी ख़ुशी 
जैसे आप दोगे हृदय से 
वैसी ही मिलेगी खुशी 
लेनदेन में जितनी शुद्धता होगी, 
उतनी ही प्रचुरता होगी 
शर्त है आपका लेनदेन सही हो 
वरना आज के जमाने में 
लोग लेते ज्यादा है, 
देते कम है  ,,खुशी  ।
---राजकपूर राजपूत''राज''
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