जो खोया भी नहीं है

जो खोया भी नहीं है 


जो खोया भी नहीं है
जो सोया भी नहीं है

दिन-रात उसकी तड़प में
जो रोया भी नहीं है

कुछ लम्हों की तलाश में
ख्वाब सजाया भी नहीं है

ठहरो ज़रा तुम पास कभी
इतने प्यार से जिसे बुलाया भी नहीं है

तलाश उसकी अभी अधूरी है
शिद्दत से चाहा है मगर पाया नहीं है

---राजकपूर राजपूत

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