जिंदगी को देखना है
अपने अहसासों में समेटना है
हर लम्हों को
अकेले चलना है
भीड़ भरी दुनिया से
अपनी बाहों में समेटना है
सुने आसमान को
उसके विस्तार को
धरती की हरियाली को
नदी, बागों को
धूप को छांव को
फूल हो या कांटे हो
सुख हो या दुःख हो
पीना है
हर पल जीना है
जिंदगी को
अपने नजरिए से...!!!!
अपने नजरिए से
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