Don't Say it Again Poem
फिर न कहना
इश्क में दर्द होता है
जिसे इश्क होता है
वो परवाह नहीं करते
फिर न कहना
ये ऑ॑धियाॅ॑ डरावनी है
नाजुक ये जवानी है
वर्ना लोग जान जाएंगे
तुम्हारी औकात
फिर न कहना !!!
बनके घटा बरसात कीजिए
प्यासा हूं मैं प्यार कीजिए
और भी लोग होंगे बुरे
हम पर इतबार कीजिए
मिलेंगे सुकून प्यार की राह पर
बस थोड़ा इंतजार कीजिए !!!
Don't Say it Again Poem
इंतजार लम्बा हो गया
इसलिए प्यार अधुरा हो गया
वो नदी बही ही नहीं
सूखे पानी और बंजर हो गया
न सागर में मिली
न खुद ही बही
मर गए पानी और प्रेम बंजर हो गया !!!
फिर ना कहना
पास आना
चाहुंगा वैसे ही
जैसे चले जाते हैं लोग
शहरों में
कमाने के लिए
लेकिन जब आते वापस
तो अपना घर भी
मेहमान सा अहसास करता है !!!!
लोग जहां भी जाते हैं
वहीं के हो जाते हैं
शहरों से आया मेरा दोस्त
कुछ दिनों बाद
शहरों को याद करते हैं
मुझे नहीं !!!!
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1 टिप्पणियाँ
Bahut hi sundar rachana 🙏
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