जुनून है सीने में यहाॅ॑ डरता कौन है
किसी के खातिर यहाॅ॑ मरता कौन है

जिसे शौक़ है वो ढुंढ ही लेगा मयखाना
अनजान शहरों में पता बताता कौन है

उन्हें भी कह दो नज़रें सम्भाले अपना
ऐसा- वैसों से भला यहाॅ॑ डरता कौन है

मेहनत है इश्क़ तो कुछ भी कर जाएगा
वो धूप में झुमता गाता देखों कौन है

फ़िक्र नहीं कल का क्या रंग दिखलाएंगा
चलता हूॅ॑ मस्ती में जमाने से डरता कौन है
__राजकपूर राजपूत'राज'