Jahan tera mera pyar hai
मुझे कब से बस तेरा इंतज़ार है
दिल में उठे दर्द और ये बेकरार है
लोग समझ जाते हैं तेरे आने की बात
मेरे जिस्म में रौनक बेशूमार है
खिंचा चला आता हूॅ॑ मंजिल समझ के
मेरे कदमों पे कहाॅ॑ अख्तियार है
मिल जाते तो दिल को आराम आ जाता
इबादतों से निकलते अश्क हर बार है
कौन आया मेरी जिंदगी में दर्द दे गया
अहसासो में है चुभन जब बहती ये बयार है
घुम रहा हूॅ॑ यहाॅ॑ वहाॅ॑ होकर के उदास
ले चलों! मुझे जहाॅ॑ तेरा मेरा प्यार है
__ राजकपूर राजपूत
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