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तेरे लिए तरसा हूॅ॑ बहुत ऐ ! जिंदगी
बचपन में गुजरें गांव की गलियाॅऺ छोड़ आए हम
ना देख इस तरह तुम मुझे कि प्यार हो जाय
इस शहर से अच्छा तो मेरा गांव है
हर फ़िक्र को धुऍ॑ में उड़ाना जरूर
तेरे सिवा नज़रें ना ठहरी किसी पर
मेरे दिल की बातें सुने कोई
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