कुछ ग़लत कुछ सही some wrong some right poem

some wrong some right poem  हम जिसके पास या जिसे पाकर खुश हैं । जिसे स्थिर या बढ़ोतरी कर चाहते हैं । 

जिसके बिना मन बैचैन हो । वहीं चाहत हमारी मानसिक स्थिति है । 

हमारे अस्तित्व की पहचान है । लोग जान जाते हैं कि हमारी स्थिति क्या है ! भले ही छुपाने का प्रयास हो । 

आश्वस्त हुआ मन मानसिक स्थिति है

 । 

some wrong some right poem

कुछ सही 

कुछ गलत 

हमने देखें बहुत 

गलत 

कहने वाले कहते रहे 

कुछ सही 

कुछ गलत 

मगर ये 

महान सोच 

शराफ़त की है 

कुछ ग़लत 

बहुत गलत !!!!


बहुत जगह चुप रहा 

बोले तो लोग नाराज़ हो गए 

हमसे कोई ग़लत नहीं हुआ 

बस उसे सच सुनने की आदत नहीं !!!!


अभी पुरुष रोया नहीं था 

लेकिन समझदार लोगों ने 

पुरूषों का रोना उचित नहीं समझा 

यह कहकर कि 

तू पुरूष है 

तुझमें क्षमताएं बहुत है 

इसलिए पुरुषों के सामने 

रोना उचित नहीं समझा 

लेकिन पुरुष रोया 

उस स्त्री के सामने 

जो उसकी प्रेमी थी 

जो समझता था 

एक पुरूष का दर्द !!!!!


कुछ बातें नहीं कहीं मैंने 

यही सोचकर कि बुरा मान जाएंगे 

विरोध करके 

जोरदार 

और मैं तैयार नहीं था 

बहस के लिए 

इस तरह मैं आत्ममुग्ध समझदार 

और वो सतत् जागरूक 

सभ्य !!!!!


कहने से पहले कुछ सोचा 

सोचा यही कि 

बचकर निकला जाय 

उन लोगों से 

जो निरंतर प्रयासरत हैं 

अपने एजेंडे में 

और बहुत दिनों बाद देखा 

दुनिया बदल गई थी 

उनके जैसे 

मैं अकेला था 

शामिल हो गया 

चुपचाप 

उनके एजेंडे में 

किसी समझदार कि तरह 

जो आज तक बचकर निकलते थे !!!!

अभी उसने परिभाषाएं 

उन्हीं आधार पर दी है 

मजहबी उन्माद और उसकी उदारता 

दोनों गतिरोध को एक कर 

उदारता सामने रखीं 

और बड़ी चालाकी से 

मजहबी उन्माद को 

उदार बता दिया !!!!


बोलने की आजादी 

उन्हीं रेखाचित्रों से है 

जिसे उकेरना आता है 

सबके सामने 

गलत बोला जाय 

लेकिन सामने रखा जाय 

सबके 

लोग बिल्कुल देखेंगे !!!!!


पीने वालों ने तो शराब पी ली 

लेकिन पीकर 

आलू के भाव में उलझे हैं  !!!!!


मंहगाई और ग़रीबी 

हर कोई बताई 

नाराज़गी जताई 

लेकिन गरीबी का दौर भी हमने देखें है 

उस वक्त मोहब्बत भर-भर कर आई !!!!!


आदमी जब सुख की तलाश करता है 

सत्य को हताश-निराश करता है 

झूठ, चालाकी , अफवाहें, सियासी विचार 

सहारा लेता है 

जब आदमी सुख की तलाश करता है !!!!


सुख की चाह 

सत्य को पीछे कर दिया 

आदमी से !!!!

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