Achchi-Sachchi-Baatin-Strue Words-Hindi
sachchi और achchi baatein- शब्द ही है जो हमारी पहचान बनती है ! शब्द ही है जो हमारी sachchi और achchi baatein के भाव को उजागर करती है !मगर आजकल sachchi और achchi baatein केवल बनावटी हो गई है ! लोग sachchi और achchi baatein केवल मतलब निकलने के लिए उपयोग किया जाता है ! लेकिन शब्द achchi और sachchi बातों का अर्थ बता देता है ! जिसे हर कोई समझ जाता है ! !!
Achchi-Sachchi-Baatin-Strue Words-Hindi
अभ्यस्त हो जाने के बाद ज्ञान
यूं ही मस्तिष्क से निकल जाता है
जैसे बेहतरीन गाने
रिंग टोन बन जाने के बाद
स्वाद निकल जाता है
आदमी अब रखते नहीं है सच्ची बातों को
व्हाट्स अप, फेसबुक आदि में
बस फारवर्ड कर जाता है
नफ़रत में जिंदा है अब लोग
प्यार की बातों से स्वाद निकल जाता है
वो अभिमान में जीता है बहुत
सियासत में मतलब निकल जाता है
उसे करना है अपनी मर्जी से
आदमी स्वार्थ में अंधा निकल जाता है
आलोचना करने में माहिर हैं सियासी लोग
थकाने, हराने में स्वाद निकल जाता है
उसे समझाएं तो समझाए कौन "राज "
वक्त वक्त में होशियार निकल जाता है !!!
कहने के लिए बहुत कुछ
दुनिया की आदत मगर मत पूछ
जो बातें आज अच्छी कल बुरी
सुविधा के मायने मत पूछ
वो गिर कर मुस्कुरा लेते हैं
आदमी की जात मत पूछ
सियासत में चरित्र का मतलब नहीं
कब गिरे कब संभले मत पूछ
जायज हो नहीं सकती हर बातें
प्यार और सियासत की बातें मत पूछ
पैसा ही सब कुछ है अगर
इज्जत की बातें मत पूछ
वो चाहता है मुझे भी बहुत
लेकिन साथ कितना मत पूछ
बातों का क्या भरोसा है
वादों का तू मत पूछ
भागदौड़ की जिंदगी सबकी
फुर्सत कितनी मत पूछ
मिट्टी का घड़ा है तू
मगर घमंड मत पूछ
जीवन का आदर्श क्या है
सुविधा कितनी मत पूछ
श्रद्धा नहीं तो विश्वास नहीं
लेकिन तर्क मत पूछ
क्या जनमानस क्या बुद्धिजीवी
सियासत का एजेंडा मत पूछ
डायरेक्ट फायदा मिलता है सियासत में
मगर खुद्दारी उसकी मत पूछ
जो टिक गई ऊंची बातों पे
उसकी हालत मत पूछ
बाजार आज भी गुलजार है
मगर कीमत मत पूछ
स्मार्ट आजकल कौन है
दिखावटीपन मत पूछ !!!
चर्चा होती रही
कई समस्याओं पर
समाज पर
संस्कृति पर
परंपराओं पर
रीति रिवाजों पर
विद्वत्ता पूर्वक
बस ध्यान नहीं रखा
अपनी गलतियों पर
खुद पर
ध्यान बस देना है
और सियासत से !!!!
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