नाम, पहचान छुपाना Name Concealment Article

नाम, पहचान छुपाना Name Concealment Article पहचान कई रूपों में काम करती है। कुछ कार्यों को करने के लिए नाम बताने की जरूरत होती है तो कुछ कार्यों में नाम छुपाना पड़ता है । कुछ लोगों को ।

कुछ लोग केवल नाम नहीं छुपाते अपनी जाति, धर्म, नाम, मां-बाप आदि की भी पहचान छुपाते हैं । ऐसे लोग निष्कृष्ट प्रवृत्ति के होते हैं । 

 जबकि जो लोग अपने कार्यों में ईमानदार है उसे नाम छुपाने की जरूरत नहीं है । 

पहचान बताने में शर्म महसूस नहीं करना चाहिए । यदि आप अपना काम ईमानदारी से करते हैं । पहचान छुपाने की कोशिश वहीं करेगा जो -

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**चालाक लोग हैं **—- पहचान वहीं छुपाते हैं जो निश्चित एजेंडे पर काम करते हैं । वह कुछ बातों से राज या फिर मतलब निकाल रहे हैं । जिसकी सिद्धि पर संदेह है । सिद्ध होने के बाद बिल्कुल अपने असली रूप में आ जाएंगे । ठगी का उद्देश्य बहरुपिए का रूप बना देता है । 

**धूर्ता पूर्ण काम** - गलत काम जिसे खुलकर नहीं करते हैं । शरारती तत्व जो समाज में सम्मानित नहीं किए गए हैं । लेकिन उनके बीच में रहकर शराफ़त देखा ना है तब कुछ लोग अपनी पहचान से शर्म महसूस करते हैं । 

**जिनका नाम बदनाम है —— **जिनका नाम बदनाम है वे लोग अपने नाम ज्यादा छुपाने की कोशिश करते हैं । ताकि उसकी वास्तविक पहचान छुप जाए । कुछ लोग कहते हैं तब भी यकीन नहीं होता है कि ये अमुक आदमी कभी सुधरेगा । लोगों के पूर्वाग्रही धारणाओं को बदलने के लिए पहचान बदलनी पड़ती है । 

**समाज की प्रस्थिति** —- कुछ समाज का नाम ही बदनाम है । जिसकी शरारती हरकतें बीच-बीच में आ जाती है । जिससे पूरे समाज को हेय नजरों से देखते हैं । इसलिए अपने आत्म सम्मान के खातिर नाम छुपाने की कोशिश करते हैं । 

**कार्य के प्रति शर्मिंदगी **- कुछ काम कुछ लोगों को पसंद नहीं आते हैं लेकिन करते हैं । ऐसे जगहों पर शर्मिंदगी महसूस करते हैं  । 

कुछ लोग धंधे के लिए - नाम बदल लेते हैं । जैसे दिलीप कुमार, मीना कुमारी, जगदीश, जानी लीवर, रीना राय, संजय खान आदि नायक/नायिकाओं ने किए हैं । हिन्दू नाम रखकर । 

ऐसे ही कुछ अच्छे लोग बुरे लोगों से बचने के लिए करते हैं । खासकर वो लोग जो इन्टरनेट और सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं । साइबर क्राइम से बचने के लिए । अपनी जानकारियों को छुपाते हैं । 


मैं कविता लिखता 

मधुर - मधुर 

जिसके शब्द से 

हृदय भाव विभोर हो जाता 

मन रम जाता 

कहीं नहीं जाता 

विचार 

लेकिन मैंने कविता 

लिखना बंद कर दिए 

पढ़ना भी 

कविता हृदय को कोमल करती है 

संवेदना जगाती हैं 

जबकि आजकल के लोग 

निष्ठुर है 

अपने मतलब के लिए 

इन्हीं भावों से 

खिलवाड़ करते हैं !!!


नाम नहीं छुपाना पड़ता 

मुंह नहीं छुपाना पड़ता 

हिन्दुओं के विरोधी हो 

सियासी में माहिर हो 

होते अगर दोस्त 

विरोध के नाम पर 

खानदान नहीं छुपाना पड़ता !!!!

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