रिश्ते बनाने और चलाने में दिल और दिमाग का तालमेल बहुत जरूरी है ।rishte quotes in hindi जिसके पास ऐसे निर्माण करने की क्षमता होती है । वह व्यवहार और प्रेम निभाने में बेहतर साबित होते हैं । जिसमें किसी एक की कमी पंगु बना देती है । पढ़िए इस पर कविता हिन्दी में 👇
rishte quotes in hindi
उसने व्यस्तता का नाम लिया
इसलिए याद नहीं किया
मैं समझ सकता हूं
हमारे रिश्तों की अहमियत !!!
व्यस्त हैं इसलिए समय नहीं
आखिर उसके दिल में क्या है
शायद ! कोई और है हम नहीं !!!
प्रेम और व्यस्तता
जिसको जिससे प्रेम होगा
उसके लिए समय ही समय होगा
व्यस्तता रोक नहीं पाएंगी
जहां जाएगा मोहब्बत याद आएंगी !!!!
बहाने बनाने वालो से बचकर रहना
उठाओ क़दम तो सम्हलकर रहना
क्या पता कब मतलब निकाल ले जाए
दिल्लगी है यूं ही अपना प्यार बचाकर रखना
वो तेरे दुःख दर्द को समझ नहीं पाएगा
सुनाओगे दिल की बात मगर जज़्बात बचाकर रखना !!!!
याद जाना
व्यस्तता में भी याद आ जाना है
प्यार का रंग चढ़ जाना है
दूर के रिश्तों के लिए कई बहाने
अपनों का हर पल ध्यान रखना है
जिसे मानता है दिल बहुत
उसे ख़ुश करने में जी जान लगाना है !!!
प्रेम की बातें
जो जानते नहीं प्रेम की बातें
उससे कभी दिल नहीं लगाते
आखिर एक दिन दिल तोड़ेगा
वो कहीं का नहीं छोड़ेगा
लाख सुनाओ दिल का हाल
समझाने से नहीं समझेगा !!!
एक दिन मैं
एक दिन मैं
फिर अकेला हो जाउंगा
उसे लाख चाहने के बावजूद
मेरी चाहत अधूरी रह जाएगी
उसने अपने व्यवहार में मुझे शामिल किया है
अपने जीवन में नहीं
और उसका व्यवहार तटस्थ हैं
जिसमें बेशक प्रेम के सभी गुण है
जिसे मैं अपना मानता हूॅं
और वो व्यवहार निभाने में माहिर है !!!
रिश्तों की मंजूरी
शब्दों के अर्थ रिश्तों की मंजूरी है
तुम्हें शब्द नहीं अर्थ ढूंढना चाहिए !!!!
तुम समय बिताना चाहते थे
मैं जिंदगी
बस यही असमंजस था
जिसे देर से समझा था
और मैं ऐसे रिश्तों में
प्यार ढूंढता हूॅं
कितना नादान हूं !!!
बोलना नहीं
जिसने बोलना नहीं सीखा है
उसने बोलना शुरू कर दिया है
गम्भीर विषय पर भी
राय देना शुरू कर दिया है
जितनी समझ थी
उसमें उसने केवल
पवित्र रिश्तों का मज़ाक़ बनाया
और तब से लोग
रिश्तों को हल्के में लेने लगे !!!!
अर्थ
हर किसी के शब्दों में
अर्थ न ढूंढा कर
अपनी -अपनी समझ है
इसको भी समझा कर !!!
खिड़कियां
खिड़कियां खोल कर
स्वागत नहीं किया जाता है
दरवाजा खोलते हो तो पहूना
घर में पहुंच जाता है
हां तुम्हारे प्रेम और व्यवहार का अंतर है !!!
तुमने रिश्तों में बातचीत को अहमियत न दी
अनुमान लगाकर तुम मान गए
मैं समझता था हमारे रिश्तों में कुछ बात
बस अनुमान लगाएं और तुम मान गए
जरूरत था मुझे तेरी बहुत मगर
बातचीत नहीं सिर्फ अंदाजा लगाया और मान गए !!
त्याग मेरे जीवन के हिस्से नहीं था
लेकिन जिसे चाहा वो मेरा नहीं था
एक घाव जो भर नहीं पाएगा कभी
आरोपी भी हमीं सताया गया हमीं लेकिन दोष मेरा नहीं था ।
प्रेम भूल जाते हैं
क्योंकि इसमें ज्यादा जिंद नहीं है
अपने अस्तित्व का
जबकि लोग नफ़रत नहीं भूलते
क्योंकि इसमें अस्तित्व को चुनौती है
अहंकार को पहचान बनाते हैं
लेकिन प्रेम में मिटाते हैं !!!
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2 टिप्पणियाँ
Bahut hi sundar rachna
जवाब देंहटाएंधन्यवाद 🙏
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